साहित्य

पढ़ाई मत करो शिक्षा लो…By-अरूणिमा सिंह

अरूणिमा सिंह ========= मैं एक किसान की बेटी हूँ। मैं जब छोटी थी तबसे लेकर अब तक अपने आस पास बहुत से बदलाव होते देखा है। उस समय अनाज का मूल्य रुपये की अपेक्षा अधिक होता था या यूं कहें कि अनाज को रुपये से अधिक महत्व दिया जाता था। घर की रोजमर्रा के वस्तुओं […]

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वो देंगे आदेश हमेशा, हम केवल अनुरोध करेंगे?…By-सोनरूपा

Sonroopa Vishal ============ मन ही मन जब क्रोध करेंगे, फिर कैसे प्रतिरोध करेंगे. लोग निरर्थक भाग रहे हैं, थक कर शायद बोध करेंगे. वो देंगे आदेश हमेशा, हम केवल अनुरोध करेंगे? जीवन जीना क्या होता है? अंतिम क्षण तक शोध करेंगे. जीवन से निस्पृह रहने में, सुख, वैभव अवरोध करेंगे. जिनको अवगुण ही दिखते हों, […]

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ससुराल में वो पहली सुबह – आज भी याद है!!

जुनैद अहसन सिद्दीक़ी ============== ससुराल में वो पहली सुबह – आज भी याद है.!! कितना हड़बड़ा के उठी थी, ये सोचते हुए कि देर हो गयी है और सब ना जाने क्या सोचेंगे ? एक रात ही तो नए घर में काटी है और इतना बदलाव, जैसे आकाश में उड़ती चिड़िया को, किसी ने सोने […]

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चन्द्ररूपायनम : आम की मिठास…..

संजय नायक ‘शिल्प’ ========== · चन्द्ररूपायनम (आम की मिठास…..) नीलम ने विजय से पानी मंगवाया। विजय जो कि न जाने कहाँ खोया हुआ था, नीलम की आवाज से ऐसे उठा जैसे किसी सालों से सोते हुए आदमी के कान के पास एटम बम का धमाका हुआ हो। उसने पास पड़े जग से एक पानी का […]

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“राम नाम सत्य है…”

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =========== “राम नाम सत्य है…” के शब्द कानों में पड़ रहे थे और मेरे कदम मां की अर्थी के साथ तेज-तेज चल रहे थे. मेरे जीवन का अंतिम साथी भी मुझसे विदा हो गया था. बूढ़े मां-बाप की संतान था मैं. सात भाई-बहनों में सबसे छोटा. फिर कितने कदम साथ चल पाते […]

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****ग़ज़ल***बेवफ़ाई मिली बदले वफ़ा के यू, इश्क़ की मेरी दास्तां ये पुरानी है…By-*अंतिमा जैन’अनु’*

Antima Jain October 12, 2023 · ************************ बह ती अंखियों की अपनी इक रवानी है दर्द बाटे वो अंखियों की जुबानी है बेवफाई मिली बदले वफा के यू इश्क की मेरी दास्तां ये पुरानी है ख्वाब में जब झलक दिखला तू जाता है लगती हर रात वो मुझको सुहानी है वो जो लम्हे सजाए हमने […]

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#भस्मीभूतस्य_देहस्य_पुनरागमनं_कुतः…मुझे आज तक समझ नहीं आया कि कौन किसमें प्राण डालता है???

मनस्वी अपर्णा ========= #भस्मीभूतस्य_देहस्य_पुनरागमनं_कुतः_ हमारे आस पास रोज़ ऐसी कई घटनाएं घटती हैं जो हमारी किसी न किसी भावना को elicite करती है लेकिन सबको समान रूप से नहीं ….जो basic फ़र्क होता है वह होता है भावनात्मक तल का वह कितना सक्रिय है यह इस बात को तय करेगा कि आपकी प्रतिक्रिया कैसी आएगी….एक […]

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लघुकथा….*क्या हम अपने बच्चों को कुछ भी नहीं कह सकते*…By-लक्ष्मी कुमावत

Laxmi Kumawat ============= लघुकथा *क्या हम अपने बच्चों को कुछ भी नहीं कह सकते* दो दिन पहले एक बड़ा ही दुखद वाक्या हुआ। परीक्षाओं का सीजन चल रहा है। बच्चों को पढ़ाई पर पूरा ध्यान हो, इस कारण एक पिता ने ऑफिस जाने से पहले अपनी दोनों बेटियों से कहा, ” बेटा अब तुम्हारे एग्जाम्स […]

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“लेकिन यह हार तो तुम्हारा हुआ”

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ==================== · एक गांव में एक जमींदार था। उसके पास कई नौकर काम करते थे,जिनमें गांव से लगी बस्ती का एक जग्गू भी था, बाकी मजदूरों के साथ जग्गू भी अपने पांच लड़कों के साथ रहता था। जग्गू की पत्नी बहुत पहले गुजर गई थी। वह एक झोंपड़े में बच्चों को पाल […]

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” गर्म दूध…..By-लक्ष्मी कान्त पाण्डेय

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============ ” गर्म दूध… “मैम आप अपना आर्डर लिखवा दीजिए…. महिला कॉलेज के ठीक सामने उस रेस्टोरेंट में अन्य सभी मेजो से आर्डर लेने के बाद वह बैरा पलक की मेज के सामने खड़ा था। सावन की पहली सोमवारी की पूजा करने में मां को देर हो जाने की वजह से कॉलेज […]